ई-कॉमर्स : ई-कॉमर्स (E-Commerce) या इलेक्ट्रॉनिक वाणिज्य एक ऐसा व्यवसाय मॉडल है जिसमें उत्पादों और सेवाओं की खरीद-बिक्री इंटरनेट के माध्यम से की जाती है। यह पारंपरिक व्यापार का एक डिजिटल रूप है, जिसमें ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करके लेन-देन किया जाता है।
- ई-कॉमर्स की शुरुआत 1960 के दशक में इलेक्ट्रॉनिक डेटा इंटरचेंज (EDI) से हुई। 1990 के दशक में इंटरनेट के बढ़ते उपयोग के साथ यह व्यापारिक मॉडल तेजी से लोकप्रिय हुआ, ई-कॉमर्स (E-commerce) यानी इलेक्ट्रॉनिक वाणिज्य, अमेरिका में 1990 के दशक में शुरू हुआ और तब से लगातार विकसित हो रहा है। इसकी शुरुआत 1991 में तब हुई जब इंटरनेट को व्यावसायिक उपयोग के लिए खोला गया। 1994 में, नेटस्केप नेवेगेटर (Netscape Navigator) वेब ब्राउज़र लॉन्च हुआ, जिससे ऑनलाइन खरीदारी आसान हो गई।
- 1995 में Amazon और eBay जैसी कंपनियों की स्थापना हुई, जिससे ऑनलाइन शॉपिंग का विस्तार हुआ। 2000 के दशक में भुगतान गेटवे (PayPal, Stripe) और गूगल शॉपिंग (Google Shopping) और अन्य डिजिटल भुगतान प्रणालियों के आने से यह उद्योग और भी तेजी से बढ़ा। 2010 के बाद से, मोबाइल ई-कॉमर्स (M-Commerce) और सोशल मीडिया शॉपिंग ने इस क्षेत्र को और भी व्यापक बना दिया। मोबाइल तकनीक के विकास ने ई-कॉमर्स को और सुलभ बना दिया। आज, ई-कॉमर्स दुनिया भर में लाखों व्यवसायों और उपभोक्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण व्यापारिक मंच बन चुका है।
ई-कॉमर्स के प्रकार:
ई-कॉमर्स विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया जाता है:
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B2B (Business to Business) – इसमें कंपनियाँ एक-दूसरे को उत्पाद या सेवाएँ बेचती हैं,
Ex: Alibaba, IndiaMART
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B2C (Business to Consumer) – कंपनियाँ सीधे उपभोक्ताओं को उत्पाद बेचती हैं,
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C2C (Consumer to Consumer) – उपभोक्ता एक-दूसरे को उत्पाद या सेवाएँ बेचते हैं,
Ex: OLX, eBay
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C2B (Consumer to Business) – उपभोक्ता कंपनियों को सेवाएँ प्रदान करते हैं,
जैसे Freelancer, Fiverr
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D2C (Direct to Consumer) – कंपनियाँ अपने ब्रांड से सीधे ग्राहकों को उत्पाद बेचती हैं,
Ex: Mamaearth, boAt
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M-Commerce (Mobile Commerce) – मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से किया जाने वाला ई-कॉमर्स,
Ex: Amazon App, Flipkart App
देशों के अनुसार प्रमुख ई-कॉमर्स वेबसाइटें:
देश | प्रमुख ई-कॉमर्स वेबसाइटें |
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अमेरिका | Amazon, eBay, Walmart |
ब्राजील | MercadoLibre, Americanas |
चीन | Alibaba, JD.com, Pinduoduo |
भारत | Flipkart, Amazon India, Meesho |
जापान | Rakuten, Mercari |
जर्मनी | Zalando, Otto, eBay Germany |
रूस | Ozon, Wildberries |
फ्रांस | Cdiscount, La Redoute |
यूके | ASOS, Argos, Tesco Online |
ऑस्ट्रेलिया | Catch, Kogan, eBay Australia |
दक्षिण कोरिया | Coupang, Gmarket |
दक्षिण अफ्रीका | Takealot, Bidorbuy |
संयुक्त अरब अमीरात | Noon, Amazon UAE |
ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर अपना मेन अकाउंट बनाना और शॉपिंग करना:
1 .ई-कॉमर्स प्लेटफार्म मुख्य खाता कैसे बनाएं और शॉपिंग स्टेप्स:
- ई-कॉमर्स की वेबसाइट पर जाएँ: सबसे पहले अपने ब्राउज़र में ई-कॉमर्स की वेबसाइट खोलें for Exp : (https://www.amazon.in) या अपने फ़ोन में Amazon ऐप डाउनलोड करें।
2. साइन अप करें/अकाउंट बनाएँ:
- अगर आप Amazon ऐप इस्तेमाल कर रहे हैं, तो ऐप खोलें और “साइन इन” या “अकाउंट” ऑप्शन पर क्लिक करें।
- अगर वेबसाइट पर हैं, तो आपको स्क्रीन के ऊपर दाईं ओर “हैलो, साइन इन” या “अकाउंट्स एंड लिस्ट्स” ऑप्शन मिलेगा, USP पर क्लिक करें। फिर “अपना अकाउंट बनाएँ” पर क्लिक करें।
3.अकाउंट की जानकारी भरें:
- आपको अपना नाम, ईमेल पता, पासवर्ड और मोबाइल नंबर देना होगा।
- पासवर्ड वही रखें जो आपको याद हो, और आप सुरक्षित हैं।
- आपको अपने मोबाइल नंबर पर एक OTP (वन टाइम पासवर्ड) मिलेगा, उसे वेरीफाई करें।
- पता जोड़ें: खाता बनाने के बाद, अपना शिपिंग पता जोड़ें जहाँ आप उत्पाद प्राप्त करना चाहते हैं। आप खरीदारी करते समय भी यह कदम उठा सकते हैं।
उदाहरण:
- नाम: ABC
- ईमेल: abc@gmail.com
- फ़ोन नंबर: 9800000000
- पता: ABC कॉलोनी, XYZ रोड, दिल्ली।
4. खरीदारी कैसे करें: ई-कॉमर्स पर उत्पादों की खोज करें:
- ई-कॉमर्स पर खरीदारी करने के लिए, खोज बार पर जाएँ और अपने इच्छित उत्पाद का नाम टाइप करें (जैसे “wordybook“, “स्मार्टफ़ोन”, “लैपटॉप”, “कपड़े”, आदि), आप श्रेणियाँ भी ब्राउज़ कर सकते हैं (जैसे, इलेक्ट्रॉनिक्स, फ़ैशन, घर और रसोई)।
5. कोई उत्पाद चुनें:
- जब आपको कोई ऐसा उत्पाद मिल जाए जो आपको पसंद हो, तो USP पर क्लिक करें।
- उत्पाद की छवियाँ, विवरण, मूल्य और समीक्षाएँ ध्यान से पढ़ें।
6.कार्ट में जोड़ें:
- यदि आप वह उत्पाद खरीदना चाहते हैं, तो “कार्ट में जोड़ें” पर क्लिक करें।
- अपने उत्पादों को वैसे ही जोड़ें जैसे आप उन्हें चाहते हैं।
कार्ट चेक करें। - अब अपने कार्ट को चेक करने के लिए ऊपरी दाएँ कोने में कार्ट आइकन पर क्लिक करें।
- यहाँ आप देख सकते हैं कि आपने कितने उत्पाद जोड़े हैं।
7. भुगतान विकल्प चुनें:
- जब आप तैयार हों, तो चेकआउट के लिए आगे बढ़ें पर क्लिक करें।
- यहाँ आपको अपना शिपिंग पता कन्फ़र्म करना होगा। अगर आपने पता नहीं जोड़ा है, तो आप इसे यहाँ जोड़ सकते हैं।
- इसके बाद, आपको भुगतान विधि (डेबिट/क्रेडिट कार्ड, UPI, नेट बैंकिंग, COD (कैश ऑन डिलीवरी) आदि) चुननी होगी।
8. ऑर्डर कन्फ़र्म करें:
- भुगतान करने के बाद, ऑर्डर कन्फ़र्म करें। आपको एक ऑर्डर कन्फ़र्मेशन पेज दिखाई देगा और आपके ईमेल पर एक रसीद भी मिलेगी।
9. डिलीवरी ट्रैक करें:
- आप अपने ऑर्डर की डिलीवरी स्थिति को ट्रैक कर सकते हैं। जब आपका उत्पाद शिप हो जाएगा, तो Amazon आपको डिलीवरी अपडेट भेजेगा।
इस तरह आप अपना मुख्य खाता बना सकते हैं और खरीदारी कर सकते हैं। अगर आपके पास कोई और सवाल है, तो ज़रूर पूछें!
10. खरीदारी के बाद क्या करें?
ऑर्डर की स्थिति देखें:
- आप Amazon ऐप या वेबसाइट पर जाकर अपने ऑर्डर की स्थिति को ट्रैक कर सकते हैं।
“आपके ऑर्डर” सेक्शन में जाकर आप देख सकते हैं कि आपका उत्पाद कहाँ तक मंगाया गया है। डिलीवरी की तारीख, स्थिति (शिप किया गया, डिलीवरी के लिए बाहर) आपको वहाँ मिलेगी।
11. उत्पाद प्राप्त करना:
- जब आपका उत्पाद डिलीवर हो जाएगा, तो आपको उत्पाद आपके शिपिंग पते पर प्राप्त होगा।
- अगर आपने COD (कैश ऑन डिलीवरी) विकल्प चुना है, तो आपको डिलीवरी के समय उत्पाद के लिए नकद भुगतान करना होगा।
12. समीक्षा और रेटिंग: समीक्षाएँ (Reviews) पढ़ें:
जब भी आप कोई उत्पाद ख़रीदने जा रहे हों, उसके ग्राहक समीक्षाएँ अवश्य पढ़ें, ये आपके उत्पाद की गुणवत्ता और उपयोगिता के बारे में वास्तविक प्रतिक्रिया देंगे।
- आप 5-स्टार रेटिंग वाले उत्पादों पर ज्यादा ध्यान दे सकते हैं, क्योंकि उन्हें आम तौर पर अच्छा रिव्यू मिलता है
- उत्पाद को रेटिंग देना (1 से 5 स्टार) और फ़ीडबैक देना अन्य खरीदारों के लिए मददगार है।
- इस विक्रेता को फ़ीडबैक भी मिलता है और अन्य ग्राहकों को निर्णय लेने में मदद करता है।
- उत्पाद प्राप्त करने के बाद, आप समीक्षा दे सकते हैं।
13. खरीदारी के लिए और सुझाव:
इच्छा सूची बनाएँ:
- अगर आप कुछ खरीदना नहीं चाहते हैं, लेकिन बाद में इसे प्राप्त करना चाहते हैं, तो आप हमारे उत्पाद को इच्छा सूची में जोड़ सकते हैं।
- ये सहेजे गए आइटम हैं जिन्हें आप बाद में आसानी से देख और खरीद सकते हैं।
14. कूपन और डील का लाभ उठाएँ:
- Amazon कूपन और डील ऑफ़र करता है जिन्हें आप चेकआउट के समय लागू कर सकते हैं।
- अमेज़न ऑफ़र पेज पर जाकर मौजूदा छूट और प्रमोशनल ऑफ़र देखें
Example: Amazon :
Amazon Prime: Amazon Prime के लाभ:
- Amazon Prime सदस्यता आपको कई लाभ देती है:
- मुफ़्त एक दिन की डिलीवरी या मुफ़्त दो दिन की डिलीवरी।
- Prime Video तक पहुँच, जहाँ आप फ़िल्में और टीवी शो देख सकते हैं।
- Prime अर्ली एक्सेस – जब बिक्री चल रही होती है, तो प्राइम सदस्यों को सबसे पहले उत्पाद मिलते हैं।
15. सुझाव:
- वापसी नीति: अगर आपको कोई उत्पाद पसंद नहीं आता है, तो आप उसे वापस कर सकते हैं। Amazon की वापसी नीति 7-10 दिन की है, लेकिन हर उत्पाद की नीति अलग हो सकती है।
- छूट और ऑफ़र: Amazon पर हमेशा छूट, कूपन और मौसमी बिक्री होती है। आपको कभी-कभी ऑफ़र का लाभ ज़रूर उठाना चाहिए।
- प्राइम मेंबरशिप: अगर आप मुफ़्त डिलीवरी और जल्दी पहुँच चाहते हैं, तो आप Amazon Prime मेंबरशिप भी ले सकते हैं।
ई-कॉमर्स उद्योग लगातार बदल रहा है और नए-नए ट्रेंड्स के साथ विकसित हो रहा है। आइए जानें कि आने वाले वर्षों में इस क्षेत्र में कौन-कौन से महत्वपूर्ण बदलाव हो सकते हैं।
ई-कॉमर्स का भविष्य:
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), वर्चुअल रियलिटी (VR) और ब्लॉकचेन जैसी तकनीकों के साथ ई-कॉमर्स और भी उन्नत हो रहा है। डिलीवरी ड्रोन, डिजिटल भुगतान और सब्सक्रिप्शन आधारित सेवाएँ इस उद्योग को नया स्वरूप दे रही हैं, ई-कॉमर्स अब केवल एक व्यापार मॉडल नहीं बल्कि एक वैश्विक क्रांति बन चुका है, जो हर देश में व्यापार और उपभोक्ताओं के व्यवहार को बदल रहा है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) का बढ़ता उपयोग:
ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) का उपयोग कर रहे हैं ताकि वे अपने ग्राहकों को व्यक्तिगत अनुभव दे सकें। उदाहरण के लिए:
- अमेज़न और फ्लिपकार्ट जैसी वेबसाइट्स ग्राहकों के पिछले खरीदारी व्यवहार को देखकर उन्हें उपयुक्त उत्पादों की सिफारिश करती हैं।
- चैटबॉट्स का उपयोग ग्राहक सेवा को आसान और तेज बनाने के लिए किया जा रहा है।
वॉयस शॉपिंग (Voice Shopping) का बढ़ता प्रभाव:
स्मार्ट स्पीकर्स और वॉयस असिस्टेंट (जैसे कि एलेक्सा, गूगल असिस्टेंट और सिरी) के कारण अब लोग सिर्फ बोलकर ही शॉपिंग कर सकते हैं।
- अमेज़न के Alexa Voice Shopping के जरिए ग्राहक सिर्फ बोलकर उत्पाद ऑर्डर कर सकते हैं।
- गूगल असिस्टेंट और अन्य AI टूल्स भी वॉयस-आधारित खरीदारी को आसान बना रहे हैं।
सोशल कॉमर्स (Social Commerce):
अब लोग केवल ई-कॉमर्स वेबसाइट्स से ही नहीं, बल्कि फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप और टिकटॉक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से भी खरीदारी कर सकते हैं।
- इंस्टाग्राम शॉप्स और फेसबुक मार्केटप्लेस छोटे और बड़े व्यापारियों को सीधे ग्राहकों तक पहुंचने में मदद कर रहे हैं।
- भारत में व्हाट्सएप बिजनेस का उपयोग कई छोटे व्यवसाय अपने उत्पादों को बेचने के लिए कर रहे हैं।
कस्टमाइज्ड और पर्सनलाइज़्ड शॉपिंग:
ई-कॉमर्स कंपनियां अब ग्राहकों की पसंद को बेहतर तरीके से समझने के लिए उन्नत डेटा एनालिटिक्स का उपयोग कर रही हैं।
- नेटफ्लिक्स और अमेज़न प्राइम की तरह ही अब ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म भी यूजर्स की पसंद के आधार पर उत्पादों की सिफारिश कर रहे हैं।
- 3D ट्राई-ऑन टेक्नोलॉजी (जैसे कि लेंसकार्ट का वर्चुअल ट्राई-ऑन) ग्राहकों को खरीदारी से पहले बेहतर निर्णय लेने में मदद करता है।
ड्रोन और रोबोट डिलीवरी का विस्तार:
अमेज़न, JD.com और कई अन्य ई-कॉमर्स कंपनियां अब ड्रोन और रोबोट के माध्यम से डिलीवरी सिस्टम को तेज और अधिक कुशल बना रही हैं।
- अमेज़न का Prime Air प्रोग्राम ड्रोन के जरिए कुछ ही मिनटों में डिलीवरी करने पर काम कर रहा है।
- चीन की JD.com ने कुछ क्षेत्रों में रोबोटिक डिलीवरी वाहनों को तैनात किया है।
डिजिटल भुगतान और क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग:
ई-कॉमर्स कंपनियां अब डिजिटल पेमेंट्स को और भी आसान बना रही हैं।
- यूपीआई (UPI), वॉलेट्स (Paytm, Google Pay, PhonePe) जैसे भुगतान विकल्प तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं।
- बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग कुछ ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर भुगतान के लिए किया जा रहा है।
पर्यावरण-अनुकूल (Eco-Friendly) ई-कॉमर्स:
अब कंपनियां पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए सस्टेनेबल (Sustainable) पैकेजिंग और ग्रीन डिलीवरी जैसी तकनीकों पर ध्यान दे रही हैं।
- फ्लिपकार्ट और अमेज़न जैसी कंपनियां अब रीसायकल करने योग्य पैकेजिंग का उपयोग कर रही हैं।
- ड्रोन और इलेक्ट्रिक वाहनों के जरिए डिलीवरी की योजना बनाई जा रही है ताकि कार्बन उत्सर्जन कम हो।
हालाँकि ई-कॉमर्स के कई लाभ हैं, लेकिन इसमें कुछ चुनौतियाँ भी शामिल हैं:
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साइबर सुरक्षा खतरे – डेटा चोरी, ऑनलाइन फ्रॉड और हैकिंग की समस्याएँ।
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लॉजिस्टिक्स और डिलीवरी चुनौतियाँ – दूरस्थ स्थानों तक उत्पाद पहुँचाना कठिन हो सकता है।
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उच्च प्रतिस्पर्धा – ऑनलाइन बाजार में कई बड़े और छोटे व्यापारी प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।
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ग्राहक विश्वास – नकली उत्पादों और खराब ग्राहक सेवा के कारण ग्राहक भरोसा खो सकते हैं।
ई-कॉमर्स व्यापार और ग्राहकों दोनों के लिए कई फायदे प्रदान करता है:
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सुविधाजनक खरीदारी – उपभोक्ता अपने घर से ही 24/7 ऑनलाइन खरीदारी कर सकते हैं।
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कम लागत – ऑनलाइन व्यापार संचालन की लागत भौतिक दुकानों की तुलना में कम होती है।
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व्यापक बाजार पहुंच – व्यापारी दुनिया भर में ग्राहकों तक पहुँच सकते हैं।
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तेजी से लेन-देन – डिजिटल भुगतान और तेज़ डिलीवरी सेवाएँ व्यापार को सुगम बनाती हैं।
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उपभोक्ता डेटा विश्लेषण – कंपनियाँ ग्राहकों की पसंद को समझने और उनकी जरूरतों के अनुसार सेवाएँ प्रदान करने के लिए डेटा का उपयोग कर सकती हैं।
ई-कॉमर्स लगातार विकसित हो रहा है और यह न केवल खरीदारी के तरीके को बदल रहा है, बल्कि व्यवसायों के काम करने के तरीके को भी नया रूप दे रहा है। नई तकनीकों, डिजिटल भुगतान, सोशल कॉमर्स और AI के बढ़ते उपयोग के साथ, यह कहना गलत नहीं होगा कि भविष्य में ऑनलाइन खरीदारी और भी आसान और सुविधाजनक हो जाएगी, दुनिया भर में व्यापार और उपभोक्ता अनुभव को पूरी तरह से बदल रहा है। यह एक तेजी से विकसित होता उद्योग है, जो लगातार नई तकनीकों के साथ आगे बढ़ रहा है, आने वाले वर्षों में, ई-कॉमर्स उद्योग और अधिक डिजिटल परिवर्तन और उन्नत उपभोक्ता अनुभव की ओर अग्रसर रहेगा।